भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्रजी के काज संवारे।।
(श्रीराम और रावण के बीच हुए युद्ध में हनुमानजी ने भीम रूप यानि विशाल रूप धारण करके असुरों-राक्षसों का संहार किया। श्रीराम के काम पूर्ण करने में हनुमानजी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिससे श्रीराम के सभी काम संवर गए।)
जब व्यापार/जीवन मे पग पग पर कठिनाई और कोई रास्ता दिखाई न दे तो हनुमान चालीसा सिर्फ उपरोक्त पंक्ति का भी जप किया जाए तो हमे मार्ग मिल जाता।
हनुमान जी रामभक्त ,बलवान ,बुधिवान ,विद्यावान सिध्धिवान के साथ प्रकांड ज्योतिषी व साक्षात् शिवावतारी थे। ज्योतिष का ज्ञान उन्हें स्वयं भगवान् सूर्य ने अन्य शिक्षाओ के साथ दिया था।
भारत के प्रसिद्ध हनुमान मन्दिर- अयोध्या में हनुमान गढ़ी, काशी की स्वयम्भू मूर्ति संकट मोचन हनुमान, प्रयाग त्रिवेणी तट पर भूशायिनी हनुमान मूर्ति, भोपाल के छोला एवं कमाली मंदिर, अलीगंज व लखनऊ का हनुमान मन्दिर, कोलकाता के सिद्धपीठ हनुमान, सुप्रसिद्ध पंचमुखी हनुमान मन्दिर हावड़ा के पुल के सामने, राजस्थान के चुरू जिले के सालासर गांव का बालाजी हनुमान मन्दिर, उज्जैन में सप्तधातुमयी हनुमान मूर्ति-विग्रह विख्यात है।
अनेक लोगों को भूत-प्रेत और अंधेरे से व मन मे डर/असुरक्षा रहती है, ऎसे लोगों के लिए हनुमान जी का एक मंत्र "हं हनुमंते नम:" का जाप रोज करना चाहिए। इस मंत्र के नियमित जाप से भय अपने आप दूर भागने लगता है और व्यक्ति निर्भिक बन जाता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से भय और शनि ग्रह की पीड़ा से शांति मिलती है।
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